मंगलवार, 24 मार्च 2009

आत्मविश्वाश की शक्ति

साधारण से असाधारण की और ले जाने वाली एकमात्र शक्ति आत्मविश्वाश ही है। जीवन के महान उद्देश्यों में सफलता का मूल मन्त्र आत्मविश्वाश ही है। बिना आत्मविश्वाश के एक कदम चलना भी कठिन है और अगर आत्मविश्वाश की शक्ति साथ है तो जीवन के तमाम उबड़ - खाबड़ रास्तों की यात्रा भी सरलता से पूरी हो जाती है ।

डॉ प्रवीण शर्मा 09212943002

सोमवार, 23 मार्च 2009

अगर केवल इंतना सोच लीया की रास्तों के पत्थर हटाने है, क्योंकी वहां से किसी और को भी गुजरना है तो वाकई ये दुनिया बहुत सुंदर एवं सोहार्दपूर्ण हो जायेगीबदलाव किसी और में करके अपने आप में करना पड़ेगा, तभी यह लागू भी हो पायेगाफीर आप को देख कर लोग बदलेंगे
डॉ प्रवीण शर्मा

शुक्रवार, 6 मार्च 2009

मैनेजमेंट स्किल्स को बढ़ाना

जय आर सी एम् दोस्तों,

आज हम बात करेंगे मैनेजमेंट स्किल्स को बढ़ाने की, कुछ बातें यदि आप को अच्छी लगे तो ग्रहण करें।

सबसे पहले

  1. विशिष्ठ ज्ञान व निपुणता
  2. अनुभवसिद्ध - अध्यन / सिधांत / ज्ञान
  3. ओपचारिक प्रशिक्षण
  4. आर सी एम् मीटिंग्स / सेमिनार्स /सी दी / टेप / ट्रेनिंग /लीडर देवेलोप्मेंट प्रोग्राम्स आदि आदि
  5. सामजिक दायित्व
  6. व्यक्तिगत हितों के स्थान पर टीम के हितों को सर्वोपरि रखना।
  7. आचार सहिंता (एथिकल कोड ऑफ़ कांदुक्ट )
  8. सचरित्र्ता एवं व्यावसायिक उत्साह

आपके विचार स्वागत योग्य होंगे :

मंगलवार, 3 मार्च 2009

आर. सी. एम्. - शिक्षा एवं टीम वर्क

जय आर. सी. एम्. दोस्तों !
जैसा की आप जानते है की इस सिस्टम में इसकी शिक्षा कितनी आवश्यक है। माननीय टी.सी.जी ने हिंदुस्तान के सारे बड़े बड़े धुरंदर एक आम आदमी के साथ लाकर खड़े कर दिए हैं। ग्राहकों को सीधे तोर पर मालिक बना दिया है। बात केवल इतनी सी है की आम आदमी को इसकी पीदियों से आदत नहीं है । इसलिए कुछ लोगो की शिकायतें बनी रहती हैं । अपनी खरीदारी से पैसा आएगा ? असंभव ! भ्रम है ! इसी बात को लोगो को संक्षिप्त रूप में कागज पर चित्रित करके दिखाना है, एवं सगठित रूप में टीम वर्क करते जाना है। ग्राहकों मालिक बन जाओ !

जय आर.सी.एम्।
डॉ प्रवीण शर्मा